शुक्रवार, 27 नवंबर 2015

बिहार विधान सभा चुनाव - 2015 के बाद l

भारतीय राजनीति के संदर्भ में हाल ही में सम्पन्न हुए बिहार विधान सभा के चुनाव का ऐतिहासिक महत्व है l पहली बार एक नॉन कांग्रेसी सरकार पूर्ण बहुमत से केंद्र की सत्ता में आती है l एक व्यक्ति के नाम पूर्ण बहुमत, विकास के वादे को पूर्ण बहुमत, एक स्थिर सरकार l 
कहीं कभी सत्ता का दंभ भी दिखा, सत्ता का नशा भी दिखा l सत्ता संग संयम होता है, विरले, किन्तु जब हुआ है तब राज्य का लाभ हुआ है l फिलहाल यह विषय अप्रासंगिक है l
यही विकास का स्वर बिहार विधान सभा चुनाव में प्रचलित नही हो पाया, जमीन स्तर तक पहुंच नही पाया l
इस चुनाव में जातिवादी विभाजन से पार पाने के लिए धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण के प्रयास हुए या नही हुए, यह तो निश्चित रूप से नही कहा जा सकता किंतु प्रयास हो रहे हैं - इस बात का प्रचार प्रसार खूब जम कर किया गया l
इसी प्रचार प्रसार में गाय, मांस, बीफ, अखलाक, पाकिस्तान, यूएनओ, सहिष्णुता/असहिष्णुता के नाम पर साहित्यिक, फिल्मी व वैज्ञानिक पुरस्कार/सम्मान की वापसी, वापसी की घोषणा और भी न जाने क्या क्या हुआ l 
बिहार चुनाव समाप्त हो गये, परिणाम घोषित हो गये,
जनता जनार्दन ने जातिवादिता को विकास से अधिक महत्व दिया l विकास का सिद्धांत पराजित हो गया, जातीयता जीत गई l
और अचानक से गाय, मांस, सम्मान, सम्मानित, पुरस्कार, वापसी सब ऐसे गायब हुए जैसे गधे ते सर से सींग l 
......................... फिर अचानक कांग्रेस शासित राज्य में .......... "टीपू सुल्तान" पैदा हो जाता है,
......शाहरूख को गड़बड़ लगने लगता है,
......मणि शंकर पाकिस्तान से मोदी हटाने के लिए सहयोग याचना करने लगते हैं,
......सलमान खुर्शीद को पाकिस्तान भाने लगता है,
......पाकिस्तानी किताब का विमोचन मुंबई में होना चाहता है,
......पाकिस्तानी गायक को ज्यादा तरजीह दी जाने लगती है,
......पाकिस्तान हिंदुओं पर मेहरबान होने की तस्वीर पेश करने लगता है,
......आमिर खान की पत्नी को डर लगने लगता है,
......फारूख अब्दुल्ला पाकिस्तानी एजेंट की भाषा बोलता है l
.......आगे जाने और क्या क्या होगा...........
इन सबके पीछे कोई एक ही प्रवृत्ति कार्य करती प्रतीत होती है l यह प्रवृत्ति नॉन कांग्रेसी पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार द्वारा शासित/सेवित भारत को अस्थिर करने की है l
यह प्रवृत्ति स्वार्थी ही नही देश के लिए हानिप्रद भी है l
विघटनकारी शक्तियों व प्रवृत्तियों को पहचान व छांट कर नष्ट करना होगा l
पूरा भारत बिहार नही हो सकता l
बिहार को आत्म मूल्यांकन करना होगा,
जितनी जल्दी कर ले देश का हित प्रारम्भ हो जाएगा l

शनिवार, 21 नवंबर 2015

क्रिकेट का सामरिक महत्व

क्रिकेट यूं तो दो टीमों के मध्य बैट बॉल की सहायता से खेला जाने वाला एक खेल है l इसमें दोनों टीमों के बीच रन बनाने की होड़ रहती है, जो टीम ज्यादा रन बनाती है वो जीतती है, दूसरी हारती है l 
भारतीय उपमहाद्वीप में यह सर्वाधिक लोकप्रिय खेल है l 
इसे सभी वर्ग/समूह/स्टैटस/क्लास/मुहल्ले/क्षेत्र/शहर/प्रदेश/जात/धर्म/व्यवसाय वाले बिना किसी भेदभाव के खेलते हैं l मैदान पर कोई हिन्दू/मुसलमान/ईसाई/ब्राह्मण/ठाकुर/शूद्र/अहीर/वगैरह वगैरह नही होता है l सामाजिक सदभाव बनाए रखने के लिए इसे खेलते रहना चाहिए l
इस खेल व भारतीय उपमहाद्वीप के संदर्भ में राजनीति का नाम न आए तो लगता है कि क्रिकेट अधूरा है l
क्रिकेट की भारतीय टीम जब मैदान पर खेलती है तो भारतीय जनमानस दीवाना हो जाता है l इसी दीवानगी को पाकिस्तान के संदर्भ में हमारे राजनेताओं ने युद्ध के विकल्प के रूप में मान्यता दे रखी है l
भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच हो तो भारत में ही अनगिनत पाकिस्तान दिखाई पड़ने लगते हैं और मैदान पर खेल युद्ध के रूप में देखा जाता है l
इस क्रिकेट को भारत में सामरिक महत्ता भी प्राप्त है l परम्परागत रूप से पाकिस्तान और भारत में शत्रुता ही है l (छद्म व निर्मित भी हो सकती है) 
पाकिस्तान निरंतर परोक्ष युद्ध में संलग्न है, कभी कभी भारतीय सुरक्षा तंत्र/खुफिया तंत्र को धत्ता बताकर आम भारतीय को बड़ी हानि पंहुचाता है तो प्रतिकार के रूप में भारत सरकार द्वारा अन्यान्य   विकल्पों के उपर प्राथमिकता देते हुए पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने की घोषणा कर के भारतीय जनमानस के अंदर सुलगती हुई बदले की भावना को शांत कर दिया जाता है l
और जनमानस शांत हो जाता है, क्योंकि जनमानस को अपनी उर्वरा शक्ति पर बहुत भरोसा है, दो चार हजार के असमय काल कलवित होने की क्षतिपूर्ति तो दस दिन में हो जाती है, किन्तु पाकिस्तान के साथ क्रिकेट न खेलने की बात से असीम शांति प्राप्त होती है l
क्रिकेट न खेल कर हमारा देश -
युद्ध की विभीषिका को रोक देता है l 
हजारों करोड़ों की धनहानि रोक देता है l
सैकड़ों/हजारों सैनिकों की हानि रोक देता है l
सैकड़ों माताओं की गोद सूनी होने को रोक देता है l
सैकड़ों युवतियों को विधवा होने से रोक लेता है l
लाखों करोड़ो लीटर पेट्रोल/डीजल बचा लेता है l
साथ ही साथ क्रिकेट पर होने वाला खर्चा भी रोक लेता है l
इस प्रकार से भारतीय परिप्रेक्ष्य में क्रिकेट का सामरिक महत्व स्थापित है l
भारत विश्व गुरू रहा है तो अन्य युद्धरत देशों को भारत से सीख लेना चाहिए l
वर्तमान परिदृश्य में रूस, फ्रांस, अमरीका, जॉर्डन, संयुक्त अरब अमीरात और सीरिया कोई भी क्रिकेट नही खेलता l
इन देशों को सब काम छोड़ कर सर्वप्रथम क्रिकेट खेलना प्रारम्भ कर देना चाहिए और तत्काल आईएसआईएस के साथ क्रिकेट खेलना छोड़ देने की घोषणा कर देना चाहिए l 
कितना लाभ होगा सम्पूर्ण विश्व को, 
सर्वत्र शांति स्थापित हो जाएगी l
अरे कुछेक आम लोगों की हत्या होने से क्या होता है, उर्वरा शक्ति पर विश्वास बनाए रखें l 
आज भी देखिए, सब तरफ शांति है भारत में, 
तो पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की तैयारी हो रही है l
कुछ एक मैच हो भी जाएंगें, किन्तु जैसे ही हाफिज हरकत करेगा, दो चार सौ लोग असमय कालकलवित होंगें तो फिर से क्रिकेट खेलना बंद करने की घोषणा कर देंगें l
थूक के चाटेंगें l
जय हिंद, जय भारत


शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

भारतीय रेल में नियंत्रक : सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट


भारतीय रेल में खंड नियंत्रक कैडर की महत्ता को सातवें वेतन आयोग ने भी माना है । इस बात का आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में उल्लेख किया है -
"हमारे मस्तिष्क में कोई शंका नही है कि खंड नियंत्रक का पद संकटग्रस्त व महत्वपूर्ण पद है और इसमें उपयुक्त पहचान पाने की योग्यता है।" 
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में भारतीय रेल के नियंत्रक के बारे में आयोग की रिपोर्ट -

नियंत्रक -
11.40.46
भारतीय रेल में लगभग 2600 नियंत्रक हैं जो कि चौबीसो घंटे गाड़ी संचालन से संबंधित सभी गतिविधियों की योजना, क्रियान्यवन, नियंत्रण व निगरानी करते हैं और अपघात प्रबन्धन व दुर्घटना राहत से संबंधित क्रियाविधियों का आदेशण, निगरानी व पर्यवेक्षण करते हैं।  
वर्तमान में ये द्विस्तरीय संरचना के अंतर्गत आते हैं –
उपमुख्य नियंत्रक – 4600
खंड नियंत्रक     - 4200
11.40.47
खंड नियंत्रक के पचासी प्रतिशत पद रेलवे के परिचालन विभाग के विभिन्न कैडरों जैसे कि स्टेशन मास्टर, यार्ड मास्टर, यातायात निरीक्षक, गार्ड इत्यादि के अभ्यर्थियों से चयन प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाते हैं तथा शेष पन्द्रह प्रतिशत पद रेलवे भर्ती परिषद द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती किये गये यातायात प्रशिक्षुओं, जिन्हें दो वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है, से भरा जाता है ।
11.40.48
आयोग के ध्यान में यह लाया गया है कि गार्ड व यातायात निरीक्षक कैडर के कर्मचारी भी (ये भी ग्रेड पे 4200 में है) अपने प्रोत्साहन व भत्ते के कारण वर्तमान कैडर को ज्यादा आकर्षक पाते हैं और खंड नियंत्रक (जिसका कार्य ज्यादा तनाव पूर्ण होता है) बनने के विकल्प का चुनाव नही करते हैं ।
स्टेशन मास्टर्स भी ग्रेड पे 4200 में कार्यरत हैं अत: वे भी और खंड नियंत्रक बनने के विकल्प का चुनाव नही करते हैं । 
इस कारण से खंड नियंत्रक कैडर में बड़ी संख्या में रिक्तियां हो गई हैं।
इस पद को आकर्षक बनाने के लिये उच्च ग्रेड वेतन का अनुरोध किया गया था । 
विश्लेषण व अनुशंसाएं –
11.40.49
मध्य रेलवे के मुम्बई स्थित नियंत्रण कार्यालय को आयोग ने देखा और कार्य स्थिति व दबाव जिसके अंतर्गत खंड नियंत्रक कार्य करते हैं, से स्वयं को अवगत कराया ।
हमारे मस्तिष्क में कोई शंका नही है कि खंड नियंत्रक का पद संकटग्रस्त व महत्वपूर्ण पद है और इसमें उपयुक्त पहचान पाने की योग्यता है।
तथापि, मात्र दस प्रतिशत पद ग्रेड वेतन 4200  में हैं; नब्बे प्रतिशत पहले से ही ग्रेड वेतन 4600  में कार्यरत हैं । फिर, ग्रेड वेतन 4600 को उच्चीकृत कर ग्रेड वेतन 4800  कर देना, इस कैडर को परिचालन विभाग के समूह “ख” के समकक्ष कर देगा जो कि आदेशण/नियंत्रण की समस्या में परिणित होगा । अत: उच्च ग्रेड वेतन पर विचार नही किया जा सकता ।
11.40.50
तथापि, श्रमसाध्य कार्य प्रकृति को सम्मान देते हुए तथा योग्य व्यक्तियों को नियंत्रक के रूप में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये खंड नियंत्रक व उप मुख्य नियंत्रक के लिये प्रतिमाह रू. 5000 “विशेष गाड़ी नियंत्रक भत्ता” की अनुशंसा करते हैं । हर बार, मंहगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर यह भत्ता पचीस प्रतिशत बढ़ेगा।   
11.40.51
आयोग का मत है कि कि इस प्रकार का कार्य, जिसमें निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है, कनिष्ठ कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है । अत: हम अनुशंसा करते हैं कि इस कैडर के लिय सीधी भर्ती का कोटा पन्द्रह प्रतिशत से बढ़ाकर तीस प्रतिशत किया जाना चाहिये ।
अन्य मांगें यथा नियंत्रण भत्ता, यातायात घनत्व भत्ता, माइक भत्ता औचित्यपूर्ण नही हैं । 

                                                              (हिन्दी अनुवाद मेरे द्वारा किया गया है)