शुक्रवार, 20 नवंबर 2015

भारतीय रेल में नियंत्रक : सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट


भारतीय रेल में खंड नियंत्रक कैडर की महत्ता को सातवें वेतन आयोग ने भी माना है । इस बात का आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट शब्दों में उल्लेख किया है -
"हमारे मस्तिष्क में कोई शंका नही है कि खंड नियंत्रक का पद संकटग्रस्त व महत्वपूर्ण पद है और इसमें उपयुक्त पहचान पाने की योग्यता है।" 
सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में भारतीय रेल के नियंत्रक के बारे में आयोग की रिपोर्ट -

नियंत्रक -
11.40.46
भारतीय रेल में लगभग 2600 नियंत्रक हैं जो कि चौबीसो घंटे गाड़ी संचालन से संबंधित सभी गतिविधियों की योजना, क्रियान्यवन, नियंत्रण व निगरानी करते हैं और अपघात प्रबन्धन व दुर्घटना राहत से संबंधित क्रियाविधियों का आदेशण, निगरानी व पर्यवेक्षण करते हैं।  
वर्तमान में ये द्विस्तरीय संरचना के अंतर्गत आते हैं –
उपमुख्य नियंत्रक – 4600
खंड नियंत्रक     - 4200
11.40.47
खंड नियंत्रक के पचासी प्रतिशत पद रेलवे के परिचालन विभाग के विभिन्न कैडरों जैसे कि स्टेशन मास्टर, यार्ड मास्टर, यातायात निरीक्षक, गार्ड इत्यादि के अभ्यर्थियों से चयन प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाते हैं तथा शेष पन्द्रह प्रतिशत पद रेलवे भर्ती परिषद द्वारा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती किये गये यातायात प्रशिक्षुओं, जिन्हें दो वर्ष का प्रशिक्षण दिया जाता है, से भरा जाता है ।
11.40.48
आयोग के ध्यान में यह लाया गया है कि गार्ड व यातायात निरीक्षक कैडर के कर्मचारी भी (ये भी ग्रेड पे 4200 में है) अपने प्रोत्साहन व भत्ते के कारण वर्तमान कैडर को ज्यादा आकर्षक पाते हैं और खंड नियंत्रक (जिसका कार्य ज्यादा तनाव पूर्ण होता है) बनने के विकल्प का चुनाव नही करते हैं ।
स्टेशन मास्टर्स भी ग्रेड पे 4200 में कार्यरत हैं अत: वे भी और खंड नियंत्रक बनने के विकल्प का चुनाव नही करते हैं । 
इस कारण से खंड नियंत्रक कैडर में बड़ी संख्या में रिक्तियां हो गई हैं।
इस पद को आकर्षक बनाने के लिये उच्च ग्रेड वेतन का अनुरोध किया गया था । 
विश्लेषण व अनुशंसाएं –
11.40.49
मध्य रेलवे के मुम्बई स्थित नियंत्रण कार्यालय को आयोग ने देखा और कार्य स्थिति व दबाव जिसके अंतर्गत खंड नियंत्रक कार्य करते हैं, से स्वयं को अवगत कराया ।
हमारे मस्तिष्क में कोई शंका नही है कि खंड नियंत्रक का पद संकटग्रस्त व महत्वपूर्ण पद है और इसमें उपयुक्त पहचान पाने की योग्यता है।
तथापि, मात्र दस प्रतिशत पद ग्रेड वेतन 4200  में हैं; नब्बे प्रतिशत पहले से ही ग्रेड वेतन 4600  में कार्यरत हैं । फिर, ग्रेड वेतन 4600 को उच्चीकृत कर ग्रेड वेतन 4800  कर देना, इस कैडर को परिचालन विभाग के समूह “ख” के समकक्ष कर देगा जो कि आदेशण/नियंत्रण की समस्या में परिणित होगा । अत: उच्च ग्रेड वेतन पर विचार नही किया जा सकता ।
11.40.50
तथापि, श्रमसाध्य कार्य प्रकृति को सम्मान देते हुए तथा योग्य व्यक्तियों को नियंत्रक के रूप में कार्य करने के लिये प्रोत्साहित करने के लिये खंड नियंत्रक व उप मुख्य नियंत्रक के लिये प्रतिमाह रू. 5000 “विशेष गाड़ी नियंत्रक भत्ता” की अनुशंसा करते हैं । हर बार, मंहगाई भत्ता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर यह भत्ता पचीस प्रतिशत बढ़ेगा।   
11.40.51
आयोग का मत है कि कि इस प्रकार का कार्य, जिसमें निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है, कनिष्ठ कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है । अत: हम अनुशंसा करते हैं कि इस कैडर के लिय सीधी भर्ती का कोटा पन्द्रह प्रतिशत से बढ़ाकर तीस प्रतिशत किया जाना चाहिये ।
अन्य मांगें यथा नियंत्रण भत्ता, यातायात घनत्व भत्ता, माइक भत्ता औचित्यपूर्ण नही हैं । 

                                                              (हिन्दी अनुवाद मेरे द्वारा किया गया है)

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