सोमवार, 28 दिसंबर 2015

विवशता की आड़ में

                                                       .............विवशता की आड़ में.................. 
केजरीवाल जी, (नही 'जी' नही)
सामाजिक रूप से स्थापित करने के लिए मो. अफरोज को दस हजार रूपये व एक सिलाई मशीन देने की घोषणा करके, आपने स्वतंत्रता प्राप्ति पश्चात देशहित के विरुद्ध कृत कृत्यों में सर्वोच्च घृणित कार्य किया है l
....दिल्ली तो छोड़िये, राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र में दस हजार व एक सिलाई मशीन से क्या होगा ? वोट बैंक के लिए मुस्लिम समाज को बेवकूफ बना रहे हो ?
....दिसम्बर 2012 को दिल्ली में जारी आंदोलन में भी तुम गये थे ना ? क्यूं ?
.... (क) या तो निर्भया कांड कृत्य के विरोध में,
.... (ख) या फिर अपने राजनीतिक लाभ के लिए l
यदि (क) के लिए गये तो उस कृत्य के खूंखारतम कर्ता के भविष्य के लिए इतनी सहानुभूति क्यों l
ईश्वर ना करे, यह कृत्य तुम्हारी बेटी के साथ हुआ होता तो क्या आज तब भी तुम्हारा यही आचरण होता ?
तुम्हारे मुख्यमंत्री बनने के बाद बाल सुधार गृह से रिहा होने वाला पहला सुधरा अपराधी अफरोज है ?
यदि नही, तो कितने रिहा हुए हैं, और उनमें से कितनों की सामाजिक स्थापना के लिए तुमने क्या क्या किया है l
यही तुम्हारी लीक से हटकर राजनीति का प्रदर्शन है ?
हिम्मत है तो उत्तर दो l
सिद्ध होता है कि तुम (ख) के लिए गये थे, तभी वहां उपस्थित जनमानस ने तुम्हें वहां से खदेड़ दिया था, उचित किया था l
कल के पहले तक बहुत विशाल संख्या में लोग तुम्हें, तुम्हारी गलत कार्य प्रणाली के कारण कोसते, गरियाते थे, निंदा करते थे l
किन्तु हम, राजनीति में नये होते हुए पुराने अनुभवी राजनीतिज्ञयों से निरंतर लड़ते हुए दिल्ली का प्रशासन चलाते रहने के हौसले को सलाम करते थे l
तुम्हारे इस दुष्कृत्य ने तुम्हारे समस्त सुकार्यों पर सदा सर्वदा के लिए पानी फेर दिया l
अफरोज के भविष्य की चिंता ने निर्भया के मां पिता की मन:स्थिति के बारे सोचने से रोक दिया l
और हम पूरे विश्वास से कहते हैं कि तुम्हारे इस 'सुकर्म' से प्रसन्न होकर कोई भी सच्चा मुसलमान, यहां तक कि अफरोज के नाते रिश्तेदार भी तुम्हें वोट नही करेंगें l
सही कहा गया है कि -
जिसका उत्थान जितनी तेजी से होता है, उसका पतन भी उतनी ही तेजी से होता है l
और यह होगा, होकर रहेगा l
क्योंकि तुम्हारे विरोधियों की संख्या में एक मेरा भी नाम शामिल हो गया है और मैं तुम्हें सच्चे हृदय से श्राप देता हूं कि तुम्हारा तत्काल राजनैतिक पतन हो l
सर्वाधिक स्वार्थी राजनीतिज्ञ l

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